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शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

शुरू होथे सममार के (चंडिका छंद तोषण कुमार चुरेन्द्र "दिनकर") दिनकर के परिचय



छंद:- चंडिका
मात्रा 13/13 दो पद चार चरण

शुरु होथे सममार के,पूरा मंगलवार के।
गणपति हे बुधवार के,गुरु बंदन गुरवार के।

संतोषी शुकरार के,हे शनि शनिवार के।
दिनकर हे अब साथ में,चमके हे नित माथ में।

चंदा चमके रात कुन,मोरो तै बात सुन।
पवन चलत हे सर सरर,गरजे बादर घर घरर।

तेदूँ महुआ जोर हे,चार डुमर के शोर हे।
गरमी दिन के बात हे,भुँइया बड़ चर्रात हे।

आमा के हे डार में,कोयल कुहके खार में।
आजा तरिया पार रे,देखँव तोल निहार रे।

तोषण दिनकर नाँव हे,लोहारा धनगाँव हे।
आहू जी सब खरखरा,गाँव तीर हे झरझरा।

@तोषण कुमार चुरेन्द्र "दिनकर"

दिनकर के परिचय 

*परिचय*
लोहारा के तीर मा,बसे हवय धनगाँव।
बोहावत हे खरखरा, बर पीपर के छाँव।।१।।

बेटा जोहर लाल के,तोषण हावय नाँव।
जुरमिल सब आशीष दव,परथँव सबके पाँव।।२।।

तोषण मँय तो लेड़गा,हावँव बड़ मतिमंद।
किरपा बरसय राम के,सुग्घर गढ़िहँव छंद।।३।।

शाला जाथँव रोज मँय,करँव ग्यान के दान।
का छोटे अउ का बड़े,पाथँव सबके मान।।४।।

भाई बहिनी चार हम,सबले बड़का आँव।
नइहे दाई संग में,जोहर ददा मनाँव।।५।।

चितरेखा हे संगिनी,बेटा मोर डुमेश।
हँसी खुशी दिन हा चले,नइहे कोनों क्लेश।।६।।

भूल चूक ला दव क्षमा,माँगत हँव कर जोर।
हावँव गा मतिमंद मँय,धीरज नइहे थोर।।७।।

"तोषण कुमार चुरेन्द्र "


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