** हाँस के जिनगी जीथंव ** _______******_______ काबर शरमावंव मय हर, करम के पसिया ल पीथंव। दुख सुख के मया मितानी, 'हाँस के जिनगी ल जीथंव।। * श्रम करे म शरम नइहे, काम के जात धरम नइहे। मिहनत के रोटी जिंहा मिलथे, मोर पसीना उहां गिरथे।। टांठ करके अपन भरोसा .....पथरा ल घलो घिसथन! काबर शरमावंव.................पसिया ल पीथंव! दुख सुख के मया...............जिनगी ल जीथंव!! * फोकट के खाय मजा नइहे, कमा के खा कोई सजा नइहे। हाँथ काबर मय पसारंव, जब बांहां भुजा म जान हे। मेहनत करहूं धरती दाई के, जब तक मोर परान हे।। घाम पानी अउ जाड़ ल.......मय हाँस हाँस के सहिथंव! काबर शरमावंव..................पसिया ल पीथंव! दुख सुख के मया...............जिनगी ल जीथंव!! * छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, फोकट नाम नइ कमांव। मुँहू के सिरीफ बोल नोहय, बिन काम कांवरा नइ उठांव।। सबो कमाओ सबो खाओ.......अहिच तो मय चाहथंव! काबर शरमावंव...................पसिया ल पीथंव! दुख सुख के मया.................जिनगी ल जीथंव!! ____________*******____________ नोहर आर्य, फरदडीह,(डौंडी लोहारा) जिला बालोद,छ.ग। |
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शुक्रवार, 1 मई 2020
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