गीत,कविता और कहानी |
| Posted: 08 May 2021 05:32 PM PDT कोरोना स्लोगन दीवाल लिखने के लिए संगी सबो मास्क लगावव । कोरोना ला दूरिहा भगावव। साबुन ले तुम धोवव हाथ। सेनेटाइजर ल राखव साथ। घर ले निकलव बाहिर झन। बने राखव जी तन अउ मन। गरम पानी के पान करव। गाँठ बांध के बात धरव। दू गज दूरी सब अपनावव। कोरोना ला दुरिहा भगावव। बहकावा झन तुम आवव। कोविड वैक्सीन लगावव। मन में राखव एके बात। दुरी बनाके हो मुलाकात। रोग राई के करव ईलाज। अस्पताल मा तुरते आज। 🖋️तोषण चुरेन्द्र धनगांव डौंडी लोहारा बालोद छ.ग |
| Posted: 08 May 2021 05:32 PM PDT खवइय्या के नंइहे कमती मंहगा सामान बेचावत हे। मंहगाई मा देखना समारू इतरा इतरा के खावत हे। सागपान घलो मंहगा होगे तेल फूल के होगे हे रोना। यहा कइसन दिन हा आगे सबला होगे हे पदोना। मंजन होगे पंदरा रुपिया घुटका हर सात होगे। बिडी माचीस रुपिया बीस फूँक फूँक पियय लोगे। दार नून ह नंगते मंहगा काला खाना बचाना। काम धाम के दऊहा निही बंद होगे आना जाना। दिनो दिन लाकडाऊन हा कोलिहा ठगे कस बाढ़त हे। टीका मास्क लगावत तभो कोरोना रोग नंइ माढ़त हे। हाल कमइय्या हाल खवइय्या करम ल अपन ठठावत हे। का करबे समय अलकरहा ढकेल जिनगी पहावत हे। बैंक ले पइसा निकलत निही कइसे करही किसान हा। बेरा कुबेरा पानी गिरत हे करा म पिटागे गा धान हा। अर्जी हे भगवान ले मोरो अच्छा दिन तँय लादे। सुख मा चले सबके जिनगी नवा अंजोर बगरादे। तोषण चुरेन्द्र धनगांव |
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