गीत,कविता और कहानी |
Posted: 03 Aug 2020 07:51 PM PDT निकले हे चांद, रात भी जवान हे । आजा ना गोरी, मऊका सनान हे । नजर झुकाए चुप-चाप खड़े हस । मोला भी बता कहां तोर ध्यान हे । मोर मनमंदिर मे तोला बसाए हौं । तोर मया मोर-बर पूजा समान हे । दौलत के चश्मा, निकाल के देख । तोरबर पथरा,मोर बर भगवान हे । देख-देख के तोला सांस चलत हे । तोर बिना टुरी, मोर मरे बिहान हे । समय निकालके आ जाबे रे गोरी । तोर संग ददरिया गाए के प्लान हे । 😎 **कृष्णा पारकर** |
You are subscribed to email updates from गीत,कविता और कहानी. To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google, 1600 Amphitheatre Parkway, Mountain View, CA 94043, United States |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें