गीत,कविता और कहानी |
शरद की अमृत धार(तोषण चुरेन्द्र) Posted: 30 Oct 2020 08:58 AM PDT शरद पूर्णिमा की हार्दिक बधाई व शुभकामनाओं के एक रचना.... *शरद की अमृत धार* चाँदनी रात में आज चाँद खिलखिलाया है। शरद की रातें जुगनू की तरह चाँदनी चमकती है। शरद की सर्द रातें शीतलता बरसाती मन भीतर। मधुबन बहकने लगी आज श्याम दर्श जो होना है। सप्त सुरों का राग लिए सतरंगी फाग महीना है। ©® |
Posted: 30 Oct 2020 12:53 AM PDT मीठ मन्दरस मयारू के बोली । गुरतुर लागे संगी के ठिठोली ।। तँय पागा बांधे मुड़ मा । मँय ओड़हेव मया चोली ।। निच्चट सिधवा तँय हस । मोला कथस तँय भोली ।। नैना ले नैना कब मिलिस । बिन बन्दुक पिरित गोली ।। लेके आबे राजा जी बरात । तोर अंगना जाही मोर डोली ।। जय जोहार |
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