गीत,कविता और कहानी |
Posted: 28 Oct 2020 04:18 AM PDT हमन कहिथन भगवान ग तोला किसान! चिरहा कुरथा तोर,सुग्घर मोर परिधान!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 तंय भुख अउ प्यास रहिके अन्न ल उपजाथस! खाथस बासी ग,अउ हमला रंग रंग के खवाथस!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 कब जागही भगवान तोर स्वंय के भाग ! तंय ह जगाथस हम सबो के सुंदर भाग!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 बिचारत हावय दाई तोर देख तोर कुरथा ल ! ए दरी के फसल म भगाबोन हम गरीबी ल!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 जिम्मा हावय ग भगवान,जग के,तोर कंधा म! लूट डरीस तोला जम्मो दलाल अपन धंधा म!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 तंय भगवान हमर जीवन के दुख के हरइया! तोर सुख के आज कोन हावय सुध करइया!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 |
You are subscribed to email updates from गीत,कविता और कहानी. To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google, 1600 Amphitheatre Parkway, Mountain View, CA 94043, United States |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें