गीत,कविता और कहानी |
Posted: 28 Jul 2020 06:58 AM PDT *मधुर साहित्य परिषद परिषद के 19 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक छोटा सा प्रयास बधाई व शुभकामनाओं सहित स्वीकार करें।* हर्षित मन गुंजार कर रहा बेला अनुपम आया है। मधुर- मधुर नवरस लेने भ्रमर कुमुद पर छाया है। अंगड़ाई जो लेती लताएं कानन कानन चंदन महके। तरू शाख पर कोयल बैठी गीत सावन पर झूमे चहके। बादल लगे मंडराने नभ पे यौवन मानो लुटाया है....... हरियाली खलिहान है छायी नदियाँ कल- कल धार लिए। झिंगुर मंडूक शोर कर रहे नित्य नवगीत मल्हार लिए। हँसत और हँसाते रहना पूर्वा संदेश सुनाया है.......... मिलकर आओ पेड़ लगायें स्व जीवन श्रृंगार करें। पेड़ से जीवन ,पेड़ से पानी समझें और स्वीकार करें। हरी भरी हो अपनी धरती दिनकर भी हर्षाया है......... तोषण चुरेन्द्र दिनकर धनगाँव, डौंडी लोहारा बालोद,छत्तीसगढ़ |
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