गीत,कविता और कहानी |
| हावा पानी कहाँ ले पाबो (तोषण कुमार चुरेन्द्र धनगांव) Posted: 02 May 2021 07:57 PM PDT रूख राई डोंगरी पहाड़ी रोवत हे पुरजोर... हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर.... पेड़ लगावव जिनगी बचावव धरती दाई के प्यास बुझावव नदिया नरवा सूख्खा परगे, अब तो थोरिक चेत लगावव गली मुहल्ला सुन्ना परगे सुन्ना होगे गा खोर.... हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर.... कोरोना के कहर चलत हे मनखे तभो ले नइ चेतत हे सेंफो सेंफो जीव हर करथे, आक्सीजन ह कम परत हे कइसन बिपत के छाहे बादर ये घनघोर.... हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर.... मनखे पीछू रूख ल लगावव जल जमीन जंगल बचावव जल हे तब कल हे गा भैय्या, यहू बात ल सब ला बतावव सावन मा बरसही पानी झूमही नाचही मोर.... हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर.... तोषण कुमार चुरेन्द्र धनगांव डौंडी लोहारा |
| मितवा जल जंगल जमीं (तोषण चुरेन्द्र धनगांव) Posted: 02 May 2021 07:53 PM PDT |
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