गीत,कविता और कहानी |
Posted: 07 Nov 2020 07:48 AM PST बड़ दिन बाद गोरी देखेव तोला । सरग परी सही दिखथस मोला ।। कान तरसगे तोर भाखा सुनेबर । आँखी तरसे , तड़पय मोर चोला ।। कोन जनी कहां लुका , गवागे रेहे । खोजेव पारा बस्ती भर गली टोला ।। का रूप गड़हे ,तोर गजब विधाता । चेहरा सोन कस देहे चांदी के गोला ।। करके पुजा सुघ्घर आशीष पाबो । जय हो माता पार्वती शिव भोला ।। 🙏🏻🙏🏻आर के रावटे🙏🏻🙏🏻 |
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