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शनिवार, 7 नवंबर 2020

गीत,कविता और कहानी

गीत,कविता और कहानी


Posted: 07 Nov 2020 07:48 AM PST

बड़ दिन बाद गोरी देखेव तोला ।
सरग परी सही दिखथस मोला ।।

कान तरसगे  तोर भाखा सुनेबर ।
आ‌ँखी तरसे , तड़पय मोर चोला ।।

कोन जनी कहां लुका , गवागे रेहे ।
खोजेव पारा बस्ती भर गली टोला ।।

का रूप गड़हे ,तोर गजब विधाता ।
चेहरा सोन कस देहे चांदी के गोला ।।

करके पुजा सुघ्घर आशीष पाबो ।
जय  हो माता  पार्वती शिव भोला ।।

🙏🏻🙏🏻आर के रावटे🙏🏻🙏🏻

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