गीत,कविता और कहानी |
Posted: 17 Oct 2020 08:35 AM PDT 🔱नवरात्रि की शुभकामनाएं...🔱 *नवरात्र दोहा मुक्तक* नवदिन अउ नवरात के,करले सेवा भोर। माटी दियना जोत हे,करत हवय अंजोर।। लेवव मिल आशीर सब,देवय दाई आज, जात पात ला छोड़ दव,होवय जग मा शोर।। *सिंहावलोकनी दोहा* आई माता भगवती,हम भक्तों के द्वार। आओ मिलकर माथ दे,लें खुशियाँ उपहार ।। ले खुशियाँ उपहार सब,करें दीप का दान। मन से महिषा दूर हो,बढ़े सदा सम्मान।। तोषण चुरेन्द्र दिनकर धनगांव डौंडी लोहारा |
You are subscribed to email updates from गीत,कविता और कहानी. To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google, 1600 Amphitheatre Parkway, Mountain View, CA 94043, United States |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें