गीत,कविता और कहानी - हिन्दी दुनिया - Hindi Duniya
Responsive Ads Here

Post Top Ad

गुरुवार, 10 सितंबर 2020

गीत,कविता और कहानी

Your Ad Spot

गीत,कविता और कहानी


नरवा गरवा घुरवा बाड़ी(तोषण चुरेन्द्र धनगांव)

Posted: 10 Sep 2020 07:56 AM PDT

IMG_20200910_185618-768903

एक प्रयास सादर समीक्षार्थ

भाखा:- छत्तीसगढ़िही

नरवा गरवा घुरवा बाड़ी

योजना सरकारी हे,मिले हे कीमत तगड़ा।
देख टूरी गोबर बर,मताबे ओ झन झगड़ा।।

बिनव जी नंगत गोबर, नेवता झारा झारा।
दाम गा मिलही जब्बर,सुनव सब आरा पारा।।

योजना नरवा गरवा,हवय अउ घुरवा बाड़ी।
बिनव ओ दाई बहिनी,नवा लेवाही साड़ी।।

मिले हे दाना पानी,पिये अब खावय गरवा।
पोठ हे खातू गोबर,भरे सब नदिया नरवा।।

रोज तुम जावव बाड़ी,ध्यान ला बने लमाके।
गरीबी मिटही मानो,बने तँय देख कमाके।।

सोरियावत हे तोषण ,बात ला सबझन मानव।
नीति हे ये सरकारी,सबोझन बढ़िहा जानव।।  

तोषण चुरेन्द्र दिनकर
सरपंच धनगांव डौं. लोहारा
.com/blogger_img_proxy/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad