बाकी है... मुश्किलों के दौर में एक आस बाकी है। दूर तुम भी दूर हम भी एहसास बाकी है। सम्हाले रख्खा है अब तलक ये दिल को, आने को अभी नया मधुमास बाकी है। जल्द मिटेंगे गिले शिकवे बुरे वक्त सारे, दिन नव किरण का पल खास बाकी है। सुनी पड़ी मधुबन ओ कान्हा रसिया की, सुर्ख हुए वृंदावन की महारास बाकी है। चाहत "दिनकर" की मिलने की तुझसे, करने को बस रब से अरदास बाकी है। |
~~~~पेड़~~~~~~~ 🌾🌾🌾🌾🌾🌾 ~~~~~~~~~~~~~~ पेंड़ लगाओ वर्षा लाओ, हर तरफ हरियाली हो। मानो जस त्योहार सदा, होली और दीवाली हो।। 🌴🌴🌴🌴🌴🌴 ~~~~~~~~~~~~~~ पेंड़ से है जीवन अपना, इन्हीं से मिलती है दवा। देती है हमें अनेकों फल, फैलाती नित शुद्ध हवा।। 🌿🌿🌿🌿🌿🌿 ~~~~~~~~~~~~~~ बचाती हमेशा धूप से, देती हरपल ठंडी छांव। हरा भरा खुशहाल सभी, ऐसा है प्यारा मेरा गांव।। 🌱🌱🌱🌱🌱🌱 ~~~~~~~~~~~~~~~ पेड़ों मे भगवान बसे हैं, करलो सब इनकी पूजा। हम सबकी है जीवनदाती, नहीं कोई है इन सा दूजा।। 🍃🍃🍃🍃🍃🍃 ~~~~~~~~~~~~~~~ गाथा गाई न जाए इनकी, पेंड हमें देता है वरदान। पेंड़ हमारे हितैषी सदा, जानकर है क्यूं अनजान।। 🍁🍁🍁🍁🍁🍁 ~~~~~~~~~~~~~~~ सुंदर गांव और सुंदर वन, पेंड़ से ही पर्यावरण सुंदर। पर्यावरण बचाना सबको, धरलो बात मन के अंदर।। 🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾 ~~~~~~~~~~~~~~~~ तोषण कुमार चुरेन्द्र दिनकर ~~~~~~~~~~~~~~~~ 🌷🌷🌷🌹🌷🌷🌷 |
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शुक्रवार, 5 जून 2020
मुश्किलों के दौर में एक आस बाकी है।
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