वाह जी सरकार तोर बखान करव कि काहंव अत्याचार दिन उपर दिन बढ़ा देस लाकडाऊन के डेट ल फेर काबर खोल देस दारु भट्ठी के गेट ल जम्मों दरुहा सुते रीहीन नशा पान के चेत ल भूलाके शराबबंदी के बने मउका रीहिस वोला काबर डुलादे हदरहा गरुवा मन भागथे जइसे हो जथे जब सेला अइसने जबर भीड़ भट्ठी म लागे दरुहा मन के टुन्नी मेला कोरोना असन महामारी के डर ल घला तिरियादिन बाटल ले अद्धी अद्धी ले पउवा जम्मो पइसा ल उंही सिरादिन अइसे होते रही त देस के हो जाही बंटाधार कोरोना ले जादा का खतरा हे करव जी सुजान बिचार वाह जी सरकार,,,, ✍साहिल नायक✍ गीतकार/शायर 9340389771 |
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सोमवार, 4 मई 2020
हाँस के जिनगी जीथंव
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