पानी का मोल(दोहाकार:-तोषण कुमार चुरेन्द्र"दिनकर) - हिन्दी दुनिया - Hindi Duniya
Responsive Ads Here

Post Top Ad

Your Ad Spot

सोमवार, 13 अप्रैल 2020

पानी का मोल(दोहाकार:-तोषण कुमार चुरेन्द्र"दिनकर)


दिनाँक :- १३/०४/२०
दिन :- सोमवार
विधा :- दोहा 
विषय :- पानी का मोल 
एक प्रयास संस्कृत शब्द वनम के प्रयोग के साथ ....

मरु में जाकर देख ले, 
                वनम वनम अंकाल।
प्यासी धरती ताकती,
                जीवन है बेहाल।।१।।

पंछी तरसे है वनम,
                नहीं ताल का शोर।
सूखती रोती है नदी,
                देखे मेघा मोर।।२।।

पेड़ बिना संसार में,
                नहीं वनम की चाल।
पेड़ से है जिन्दगी, 
                जीवन है खुशहाल।।३।।

पानी के उपयोग का, 
                रखें सभी ये ध्यान।
जनम वनम अनमोल है,
                कहते संत सुजान।।४।।


बिना वनम जग जीव सब,
                कहते एक ही बोल।
'दिनकर' रक्षा अब करो , 
                पानी है अनमोल।।५।।


-तोषण कुमार चुरेन्द्र "दिनकर"
डौंडी लोहारा बालोद छ.ग.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot