विधा घनाक्षरी ( सृष्टि=प्रकृति ) सृष्टि शक्ति क्षीण हुई धीरज विहीन हुई, कोरोना का वायरस घन बन छाएं हैं। चर चाहे हो अचर उपवन बेअधर, डर यह कालिमा की रोज मंडराएं हैं। मुश्किलों की है ये घड़ी चुनौतियां बड़ी-बड़ी, थक हार नहीं साथी क्षणी विपदाएं हैं। अमीर गरीब सारे सब के हो एक नारे, भागेगा अब कोरोना चेतना जगाएं हैं। तोषण कुमार"दिनकर" |
Posted: 12 Apr 2020 01:53 AM PDT हमारे देश प्रदेश की सरकार हम सबके लिए वृहद रूप से राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है जनधन खाता में ₹500 नगद भुगतान किया जा रहा है 2 महीने का चावल बीपीएल के तहत निशुल्क दिया जा रहा है। और तो और उज्जवला गैस योजना के तहत मार्च अप्रैल और मई माह तक सिलेंडर रिफिलिंग मुफ्त । तो क्या हम अपने घर से 1 किलो चावल ₹100 पैसा नहीं दे सकते आइए अपनी सोच को ऊंचा करें और देश के हित में कार्य करें। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते हमारे भारतवासी और प्रदेश वासी बड़े ही गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। ऐसे में हम सबका फर्ज बनता है कि हम सब देशवासियों प्रदेशवासियों के सहयोग के लिए यथाशक्ति तथा भक्ति के अनुसार 4 आना 8 आना किलो डेढ़ किलो या उससे अधिक दान कर सकें। यह हम सबके लिए बड़े ही गर्व की बात होगी। सरकार जब हमारे लिए इतना सोच रही है तो हमारा फर्ज भी बनता है कि हम भी कुछ अपने देश के लिए अपने प्रदेश के लिए करें ।तो आइए हम सब मिलकर देश के हित में नेक कार्य करें और अपनी यथाशक्ति अनुसार देश को दान दे। कहा गया है ...देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे... तो आइए इस गीत को चरितार्थ करते हुए हम एक दूसरे के सहयोगी बने जिससे कि किसी का कल्याण हो सके। आइए हम सब मिलकर माननीय प्रधानमंत्री जी का और माननीय मुख्यमंत्री जी का साथ दें । गीत कहता है ....नदिया न पिए कभी अपना जल, वृक्ष न खाए कभी अपना फल ,अपने तन को मन को धन को, देश को दे जो दान रे वह सच्चा इंसान रे वह सच्चा इंसान रे.... भारत माता की जय, जय छत्तीसगढ़,जय जवान, जय किसान ,जय विज्ञान, जय हिंदुस्तान, स्वास्थ्य कर्मी जिंदाबाद, पुलिस विभाग जिंदाबाद,जय हिंद... बहुत-बहुत धन्यवाद। |
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रविवार, 12 अप्रैल 2020
प्रकृति की शक्ति (तोषण कुमार दिनकर)
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