गीत,कविता और कहानी |
Posted: 28 Sep 2021 07:13 PM PDT राखि लेबे राखी के लाज भैय्या मोर माँ भारती के आन के हाथ हे तोर डोर सरदी अउ गरमी संग हावय तोर मितानी चाहे सावन महिना बरसय झम के पानी उवत बुड़त बेरा मा लामे रहय शोर... माँ भारती के आन के हाथ हे तोर डोर... महतारी अउ बेटी के लाज तँय बचइय्या करगिल के चोटी मा तीन रंगा के लहरइय्या मिले आशीष तोला सबन के पुरजोर... माँ भारती के आन के हाथ हे तोर डोर... तोषण चुरेन्द्र धनगांव डौंडी लोहारा |
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