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शनिवार, 30 जनवरी 2021

गीत,कविता और कहानी

गीत,कविता और कहानी


स्लोगन प्रतियोगिता सम्मान 2021

Posted: 30 Jan 2021 07:19 AM PST

Posted: 30 Jan 2021 03:31 AM PST

संगवारी मन किहिस ,करले बिहाव भारी मजा आही
भौजी तोला रान्ध के , रोज  ताते - तात भात खवाही

दूबर-पातर देहे , तोर घुस मुसवा कस कसके मोटाही
निच्चट दिखत ,तोर काया मया पाके हरियर हरियाही

संगवारी मन किहिस, करले बिहाव भारी मजा आही

भौजी अपन अछरा मा ,मया के पिरित खजानी लाही
एक मन के आगर तहूं , र‌ईबे जब बिहाव हो जाही

सारी सखा के हांसी ठिठोली, मन्दस सही घुल जाही
बहू के रुप मा तोर दाई- ददा , लक्ष्मी कस बेटी पाही

संगवारी मन किहिस, करले बिहाव भारी मजा आही

मड़वा गड़ही अंगना मा,सगा सोदर मनमाने सकलाही
भांवर परे के बेरा,भौजी ला चिमट देबे मुचले मूस्काही

कोन जनी भगवान‌ ,  गोस‌ईन  क‌ईसन  दिन देखाही
मोर कलेजा कांपथे ,  अपने  सूर  के  रददा  रेंगाही 

तभो लें मोर मन बिहाव बर न‌इ देत गवाही......

संगवारी मन किहिस , करलें बिहाव भारी मज़ा आही

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