गीत,कविता और कहानी |
Posted: 23 Dec 2020 11:22 PM PST सगाई के मजा😁😁 भैया के सगाई म, भौजी बड़ मुचमुचात हे ।। जाड़ म घलो भैया, भौजी तीर ओजियात हे ।। का करवं मैहा, मोला समझ नई आत हे ।। सबो कोती माते हे रंग झाझर, समधीन बड़ मटमटात हे ।। हमरो संगवारी मन कम नईये, ओहुमन मेछा ला अटियात हे॥ घेरी बेरी इसारा कर के, समधीन मनला पटात हे ॥ चलबो बारी कोती कहिके, सेल्फी बर बलात हे ॥ का करही समधीन मन, मुहु ला घलो लुकाय हे ॥ परे हावे जाड़ के मार, समधीन के गाल घलो चर्राय हे।। |
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