गीत,कविता और कहानी |
Posted: 22 Dec 2020 07:24 PM PST बिहाव बर लड़का वाला मन के घला अब्बड़ नखरा ............???.........??????...........?????? बिहाव बर लड़का वाला मन के घला अब्बड़ नखरा । देखत लें मीठा मन्दरस , सगई बाद गोठ पखरा ।। हम लड़का वाला अन , कईके मेंछा अईठत हे । अंगना मा बईठे , घर भर ला कनेखि देखत हे ।। पांव परेबर,चाय देबर ता कभू पानी ओखी बलाथे । नाम बतावत दुलौरिन बेटी असकटावत लजाथे ।। लड़की ला कथे , ऐ तो हावय बुटरी काठी । होवईय्या समधीन घला, दिखय निच्चट देहाती ।। लड़का के दांत दिखे खैरी , गुटका मुहू दबा हे । टेडगा कटिंग कटाय , सुंदर नोनी बर बानी लगा हे ।। दिखत के सेफला टुरा , नोनी ला हीनत हे । 5वी पास अपन , कालेज वाली ला चुनत हे ।। गोत पुछत नाम बदले बर घला हावय तैयार । लड़की वाला मन के भावना कतको करें ब्यापार ।। लड़की-लड़की हे ता धन्हा डोली के आशा हे । सऊहत रानी बनाके रखही हमर बेटा राजा ऐ ।। कोनों बेटी ला दहेज ता कोनों ल रुप-रंग के ताना । लड़का वालेअन कहात दुनिया लें बाहिर बताना ।। ते पाय के कथो मेंहा.......... घेरी - बेरी सगामन के मना करअई मा..... दाई- ददा के आंसू बोहाय फिजगे अछरा............ बिहाव बर लड़का वाला मन के घला अब्बड़ नखरा । देखत लें मीठा मन्दरस , सगई बाद गोठ पखरा ।। कब मोर देश समाज लड़की-लड़का भेद लें ऊबर ही सऊहत ऐ पावन भुईया मा सरग हां सुघ्घर ऊतर ही |
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