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बुधवार, 25 नवंबर 2020

गीत,कविता और कहानी

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गीत,कविता और कहानी


Posted: 24 Nov 2020 08:27 PM PST

मोला देख के काबर रे टुरी, नैना ल झुकाए तै ।।
कुछ तो बात हे तोर मन में, तभे तो लजाए तै ।।

मोर मन बईहा मोला छोड़ के, भागे तोर पाछु ।।
मोर दिल ल' फुल बनाके, बेनी मा अरझाए तै ।।

खुल्ला-बाल झुमरे गजब के, दिन मे होगे रात ।।
बिन बादल बरसा होगे, अचरा जब लहराए तै ।।

गुनत रहिथंव रात-भर तोला, नींद उड़ागे मोर ।।
पहिरे लाली लुगरा गोरी मोर सपना मे आए तै ।।

मस्त अदा मतवाली चाल' कंचन हे तोर काया ।।
अतका सुघ्घर रंग-रुप हे बोल कहां ले पाए तै ।।

का होगे हे आज कल, मोर समझ नइ आवय ।।
सुरता नइ भुलावय तोर, का मोहनी खवाए तै ।।

आनी-बानी किरिया खाए, का हे तोर भरोसा ।।
लिए रहे बीस रुपिया,आज ले नइ लहुटाए तै ।।😜
आर के रावटे
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