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रविवार, 27 सितंबर 2020

गीत,कविता और कहानी

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गीत,कविता और कहानी


बेटी ल सूरूज बनावव(तोषण कुमार चुरेन्द्र)

Posted: 27 Sep 2020 09:01 AM PDT

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बेटी दिवस की बहुत बहुत शुभकामना और बधाई के संग एक रचना सादर समीक्षार्थ

बेटी ल सूरुज बनावव...

करत हवँव गोहार मँय, 
नवा अँजोर बगरावव।
चंदा उइथे रातकून, 
बेटी ल सूरुज बनावव।

एक कुल बेटा सम्हाले, 
बेटी दूकुल सँवारत हे।
बनके दाई इही बेटी, 
ममता अपन लुटावत हे।
परिवार रुप ये बगिया म, 
फूल सही ममहावव।
चंदा उइथे रातकून, बेटी ल सूरुज बनावव।१।

पढ़ही लिखही इसकुल म, 
नाँव देश के करही।
दाई ददा गाँव समाज के, 
मान एकर ले बढ़ही।
देवारी के दीया बनाके, 
घर अंगना सजावव।
चंदा उइथे रातकून, बेटी ल सूरुज बनावव।२।

चिरई बन चहकन दव, 
ए खुला आसमान म।
बेटी ल घलो सिखावव, 
कइसे जिथे जहान म।
उड़त रहय चारो मुड़ा, 
अइसन पतंग बनावव।
चंदा उइथे रातकून, बेटी ल सूरुज बनावव।३।

कोख प पलत बेटी ल, 
ये दुनिया आन दव।
करन देवव सपना पूरा, 
संगी हो पहिचान दव।
बेटा-बेटी के भेदभाव, 
मन ले दूरिहा भगावव।
चंदा उइथे रातकून, बेटी ल सूरुज बनावव।४।

तोषण चुरेन्द्र "दिनकर"
सरपंच ग्राम पंचायत धनगाँव
डौंडी लोहारा
जिला बालोद छ.ग.४९१७७१
मो.९६१७५८९६६७

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