Posted: 09 Mar 2020 02:04 AM PDT
* कपाट ओधा ले भउजी झांके *
_______*******________ गली गली म बाजे नंगारा, नाचत हे डोकरी डोकरा । रंग गुलाल के मस्ती बूड़े, जम्मो छोकरी छोकरा ।। नान्हे लइका मारे पिचकारी, भर भर रंग कटोरा । कपाट ओधा ले भउजी झांके, चंदा ल जइसे चकोरा।। आवत देखिस देवर बाबू, जस बदली म चंदा लुकागे । पानी बुड़े नइ बांचिस भउजी, बग बग ले रंग म बुकागे।। नंगारा धुन म नाचे जवनहा, उड़ावत हे गुलाल अबीर। गीत गवइया राग अलापे, सरा ररा सुन ले मोर कबीर ।। डंडा संग नाचे डंडकारी, घेरी बेरी कुहकी पारत हे। बेलबेलहा टूरी टूरा मन, मया के रंग ल डारत हे।। रंग भंग म जम्मो सनाये, थोरको नइहे चिनहारी । अइसे लागे मोर गाँव संगी, होरी खेलय बिरीज बिहारी।। होरी खेलय बिरीज बिहारी!! __________********___________ नोहर आर्य, फरदडीह, जिला बालोद,छत्तीसगढ़ । |
Post Top Ad
Your Ad Spot
सोमवार, 9 मार्च 2020
कपाट ओधा ले भउजी झांके
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Top Ad
Your Ad Spot
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें