Posted: 08 Mar 2020 07:25 PM PDT
सुबह साम मोर फोन के,
करत रहे इंतजार वो ।
कहां गए तोर एसेज-मेसेज,
कहां गए तोर प्यांर वो ।।
चार दिन बर तै प्यांर करे रहे,
नैना ले मोर शिकार करे रहे,
आनी-बानी गोठ गोठियाके,
काबर करे अत्याचार वो ।
कहां गए तोर एसेज-मेसेज,
कहां गए तोर प्यांर वो ।।
जा तोर जिनगी हे तै जी लेबे,
फेर कोनो ल तै दगा झन देबे,
जइसे तै मोर साथ करे, अब,
झन करबे अब के बार वो ।
जा ओ गोरी तोला मुबारक,
अब तोर सुघ्घर संसार ओ ।।
कहां गए तोर...................!
*कृष्णा पारकर*
करत रहे इंतजार वो ।
कहां गए तोर एसेज-मेसेज,
कहां गए तोर प्यांर वो ।।
चार दिन बर तै प्यांर करे रहे,
नैना ले मोर शिकार करे रहे,
आनी-बानी गोठ गोठियाके,
काबर करे अत्याचार वो ।
कहां गए तोर एसेज-मेसेज,
कहां गए तोर प्यांर वो ।।
जा तोर जिनगी हे तै जी लेबे,
फेर कोनो ल तै दगा झन देबे,
जइसे तै मोर साथ करे, अब,
झन करबे अब के बार वो ।
जा ओ गोरी तोला मुबारक,
अब तोर सुघ्घर संसार ओ ।।
कहां गए तोर...................!
*कृष्णा पारकर*
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